24 जनवरी 2025 शुक्रवार के दिन शेयर बाजार में भारतीय शेयर सूचकांक में गिरावट दर्ज की गई तथा साप्ताहिक नुकसान दर्ज किया गया, तथा कई क्षेत्रीय सूचकांकों में भी भारी गिरावट आई.
शेयर बाजार stock market में शुक्रवार के सत्र के दौरान भारतीय शेयर सूचकआंक में गिरावट दर्ज की गई है. और साप्ताहिक नुकसान दर्ज किया गया है,जिसमे कई क्षेत्रीय सूचकांक में तेज गिरावट आयी है.
एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक ऑटो, मीडिया, फार्मा, पीएसयू बैंक, रियल्टी, हेल्थकेयर, तेल एवं गैस आदि प्रमुख थे.
शेयर बाजार में आज के दिन में सेंसेक्स 329.92 अंक या 0.43 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76,190.46 अंक पर बंद हुआ,जब की निफ़्टी 113.15 अंक या 0.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,092.20 अंक पर बंद हुआ.
सेंसेक्स इंडेक्स अब पिछले साल के सितंबर में अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर 85,978 अंक से लगभग 10,000 अंक नीचे है,इस नए साल की शुरुआत से अब तक सेंसेक्स में 3 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.
भारतीय शेयर बाजार का उतार चढ़ाव का मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को लेकर अनिश्चितता है. निवेशकों को ट्रंप के राष्ट्रपति रहते वैश्विक व्यापार में संभावित व्यवधान की आशंका है. कमजोर घरेलू आर्थिक विकास तथा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली का असर शेयर बाजारों पर भी पड़ रहा है.
साल 2024 में सेंसेक्स और निफ़्टी इंडेक्स में लगभग 9-10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके पहले साल 2023 में सेंसेक्स और निफ्टी में संचयी आधार पर 16-17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. साल 2022 में सेंसेक्स और निफ़्टी में मात्र 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. कमजोर जीडीपी वृद्धि, विदेशी फंड का बहिर्वाह, खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतें और धीमी खपत कुछ ऐसी बाधाएं थीं, जिन्होंने 2024 में कई निवेशकों को दूर रखा.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, की “एफआईआई बिकवाली जारी रखेंगे, जिससे बैंकिंग जैसी बड़ी कंपनियों पर दबाव बढ़ेगा. बैंकिंग जैसी बड़ी कंपनियों के लिए उचित और यहां तक कि कम मूल्यांकन तथा व्यापक बाजार में अत्यधिक मूल्यांकन की विशेषता वाले बाजार में तर्कहीनता को किसी समय उलटना होगा. लेकिन यह नहीं पता की ये कब होगा.”विजय कुमार ने यह भी कहा की , “आईटी कंपनियों के तीसरी तिमाही के परिणाम तथा प्रबंधन की टिप्पणियां इस क्षेत्र की बेहतर संभावनाओं का संकेत देती हैं, जिससे पता चलता है कि यह क्षेत्र अब सुरक्षित दांव है”
श्रीकांत चौहान जो कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च प्रमुख है उन्होंने कहा की , वैश्विक घटनाक्रम, आगामी केंद्रीय बजट, आरबीआई नीति और चालू वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही सहित कई घटनाएं अगले पखवाड़े में बाजार की चाल को आकार देती रहेंगी. श्रीकांत चौहान ने यह भी कहा की ,इस सप्ताह भारतीय इक्विटी बाजारों ने अधिकांश वैश्विक बाजारों के मुकाबले अपना खराब प्रदर्शन जारी रखा. मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों के बड़े प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले खराब प्रदर्शन के साथ व्यापक बाजार कमजोर हो रहा है. बीएसई रियल्टी सूचकांक में तेज सुधार के साथ अधिकांश क्षेत्रीय सूचकांक सप्ताह के अंत में लाल निशान पर बंद हुए. बीएसई आईटी सूचकांक ने अपेक्षाकृत कमजोर बाजार में मजबूत प्रदर्शन किया. वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही की आय काफी हद तक हमारी कमजोर उम्मीदों के अनुरूप रही है. इस सप्ताह रुपये में मामूली वृद्धि हुई और ब्रेंट क्रूड में सुधार हुआ है.