महाकुंभ 2025: CAITके मुताबिक 45 दिनों में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार, इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

Hetal Chudasma

महाकुंभ 2025: उद्योग संगठन CAIT ने कहा कि महाकुंभ के शुरू होने के दौरान, प्रारंभिक अनुमानों में 40 करोड़ लोगों के आने और लगभग 2 लाख करोड़ रुपये के व्यापारिक लेनदेन का अनुमान लगाया गया था. 

महाकुंभ 2025 : उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में 144 साल बाद ऐसा महाकुंभ का अवसर आया है. इस महाकुंभ मेले के दौरान वस्तुओं और सेवाओं के माध्यम से 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा  का अनुमानित कारोबार होने की संभावना है , जो इसे देश के सबसे बड़े आर्थिक आयोजनों में से एक बना देगा. CAIT यानि की उद्योग निकाय कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के मुताबिक ,उतरप्रदेश के प्रयागराज में आयोजित  दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम में 45 दिनों में लगभग 60 करोड़ भक्तों के आने की उम्मीद है.

कैट के राष्ट्रीय महासचिव एवं चांदनी चौक सांसद श्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि विश्व के इस सबसे बड़े मानव समागम ने आस्था और अर्थव्यवस्था के बीच के संबंध को मजबूती से स्थापित किया है. और साथ ही यह भी कहा की , इस से यह भी साबित होता है ,की भारत की सनातन अर्थव्यवस्था में गहरी जड़ें हैं, जो देश के समग्र आर्थिक ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है .

श्री खंडेलवाल ने बताया कि महाकुंभ शुरू होने से पहले शुरुआती अनुमानों में 40 करोड़ लोगों के आने और करीब 2 लाख करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान लगाया गया था.लेकिन हुआ यह की देशभर में अभूतपूर्व उत्साह को देखते हुए अब उम्मीद है कि 26 फरवरी महाकुंभ के अंत तक करीब 60 करोड़ लोग महाकुंभ में शामिल होंगे और इससे 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार होगा. इस महाकुंभ की वजह से  उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा मिला है और कारोबार के नए अवसर पैदा हुए हैं.

प्रयागराज में महाकुंभ मेला 13 जनवरी 2025 को शुरू हुआ था ,और 26 फरवरी 2025 को खत्म होगा. उत्तरप्रदेश सरकार के मुताबिक अब तक  53 करोड़ से अधिक श्रद्धालु ने  पवित्र जल में डुबकी लगा चुके हैं और प्रतिदिन लाखों लोग आ रहे हैं.

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